कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने छात्र संसद कार्यक्रम को किया सम्बोधित
देहरादून। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण, सैनिक कल्याण एवं ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने जीरोऑर फाउंडेशन द्वारा आयोजित छात्र संसद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब भारत के युवा देश की नीतियों, शासन प्रणाली और समाज के निर्माण में रुचि लेने लगते हैं, तो देश की दिशा और दशा बदलनी शुरू हो जाती है। उन्होंने आहवान किया कि छात्र संसद भ्रमण के बाद उत्तराखण्ड से वापस लौटने के बाद उत्तराखंड से सिर्फ यादें नहीं, बल्कि एक दृष्टिकोण लेकर जाएं कि नीति, शासन और नवाचार सिर्फ किताबों में नहीं, जमीन पर भी ज़रूरी हैं।
वीरवार को देहरादून के एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में छात्र संसद इंडिया द्वारा आयोजित ‘नेशनल गवर्नेंस टूर’ में शामिल प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को सम्बोधित किया। इस भ्रमण यात्रा में देश भर के प्रमुख संस्थानों एवं प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएँ भाग ले रहे हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को नीति निर्माण, शासन प्रणाली और लोकतांत्रिक मूल्यों की गहराई से समझ देना है।
काबीना मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है, यहाँ की भौगोलिक चुनौतियाँ, कृषि की विषमताएँ और रोजगार के अवसरों की सीमाएँ, सबकुछ हमें रचनात्मक और व्यावहारिक समाधान खोजने को प्रेरित करती हैं। उन्होंने कहा कि कृषि सिर्फ किसान की चिंता नहीं है यह राष्ट्र की आत्मनिर्भरता का आधार है और सीएम धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार पहाड़ी कृषि को जैविक, तकनीक-सम्मत और बाजार-उन्मुख बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि कौशल विकास केवल नौकरी के लिए नहीं, बल्कि रोजगार देने की शक्ति पैदा करने का माध्यम है। उन्होंने आहवान किया कि युवा ‘नौकरी खोजने वाले’ नहीं, ‘नौकरी देने वाले’ बनें। उन्होंने ग्राम्य विकास पर बल देते हुए कहा कि गांव भारत की शक्ति है और भारत का भविष्य शहरों में नहीं अपितु गांवों में बसता है।
इस अवसर पर जीरोऑर फाउंडेशन से कुनाल ठाकुर, मानस तिवारी, शशांक शेखर तिवारी, विधि शर्मा आदि उपस्थित रहे।