अक्सर आपने कई बार देखा होगा कि कुछ लोगों को पेट में दर्द और ऐंठन, उल्टी, दस्त, दस्त के साथ खून आना, सिरदर्द जैसी समस्याएं बहुत हद तक परेशान करती हैं। सामान्य तौर पर इस तरह की समस्याएं कुछ दिन में ठीक हो जाती हैं, लेकिन अगर कोई व्यक्ति समय से ज्यादा दिनों तक फूड पॉइजनिंग से जूझ रहा है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। फूड पॉइजनिंग हमारे द्वारा खाए जाने वाले फूड्स के कारण होने वाली एक गंभीर बीमरी है।
फूड पॉइजनिंग के कारण
फूड पॉइजनिंग तब होता है, जब हम बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी, टॉक्सिन्स, मोल्ड और कई अन्य हानिकारक सामग्रियों वाले खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा करते हैं। आम भाषा में कहें, तो फूड पॉइजनिंग खराब भोजन करने की वजह से होती है।
आपने भोजन को किस प्रकार से पकाया है, उस भोजन में किन-किन सामग्रियों को इस्तेमाल किया गया है, यह भोजन को खराब करने में अहम भूमिका निभाते हैं। भोजन को पकाने की प्रक्रिया के दौरान भी भोजन दूषित हो सकता है।
यही नहीं गर्मियों में खाने-पीने की चीजें भी जल्दी खराब हो जाती हैं। इसके अलावा भोजन को दूषित बनाने के लिए बहुत से कारक जिम्मेदार हो सकते हैं।
ये लापरवाही साबित होती हैं खतरनाक
आपने भोजन को सही तरीके से नहीं पकाया है
ज्यादा देर तक भोजन को फ्रिज में स्टोर करके रखना
भोजन को ऐसे व्यक्ति ने छुआ हो जो पहले से बीमार या वायरस की चपेट में है
सब्जियां काटने वाले बोर्ड, चाकू और अन्य भोजन में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों को सही से साफ न करना
बिना साफ-सफाई के भोजन तैयार करना
पके हुए तेल को बार-बार खाना पकाने के लिए इस्तेमाल करना
फूड पॉइजनिंग से बचाव के तरीके
भोजन पकाते समय उपरोक्त बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा जंक और प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन से दूरी बनाए रखनी चाहिए क्योंकि उनमें नुकसान करने वाले केमिकल और टॉक्सिन्स की मात्रा ज्यादा होती हैं। ये फूड पॉइजनिंग का कारण बनते हैं।
इसके अतिरिक्त अगर आप लगातार पेट से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो ऐसे में भूल कर भी घरेलू उपायों को न आजमाएं। दरअसल, ये फूड पॉइजनिंग के लक्षणों को कई गुना बदतर बना सकते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से सलाह लेना ही बेहतर होगा।