साल 2020 में कोरोना महामारी (COVID-19) में दुनिया में जो दस्तक दी, उसका अंजाम आज तक लोग ये विश्व भुगत रहा है। इस महामारी दुनिया भर में लाखों मौतें हुईं। इससे निपटने के लिए UN, WHO समेत दुनिया की बड़ी-बड़ी ताकतों ने मिलकर योजना बनाई, वैक्सीनेशन का प्रारूप बनाया और टीका बनवाकर सभी का टीकाकरण कराया।
लेकिन अब फिर से कोरोना जैसी महामारी (Epidemic) का खतरा मंडरा रहा है। ये हम नहीं बल्कि ब्रिटेन के पूर्व चीफ साइंटिफिक एडवाइजर ‘सर’ पैट्रिक वालेंस (Sir Patrick Vallence) कह रहे हैं। सर वालेंस ने दावा किया है कि एक और भयंकर महामारी अपना मुंह बाए इस दुनिया के दरवाजे के सामने खड़ी है।इसके लिए हम सभी को तैयार हो जाना चाहिए और अभी चुनाव चल रहे हैं तो जनता को इस महामारी का अहम मुद्दा बनाना चाहिए और आने वाली सरकार के सामने इससे निपटने के लिए सवाल करने चाहिए।
ब्रिटेन के पूर्व चीफ साइंटिफिक एडवाइजर सर पैट्रिक वालेंस ने कहा है कि इस महामारी को रोकना तकरीबन नामुमकिन होगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए है कि इस समय ब्रिटेन में चुनाव हो रहे हैं, ऐसे में जनता इसे अहम मुद्दा बनाए। उन्होंने कहा कि सभी देशों की सरकारों को इसके लिए तैयारियों को प्राथमिकता देने की जरूरत है। वालेंस का मानना है कि इसके लिए इलाज तक पहुंच और टीका (Vaccine) बहुत जरूरी होगा। इससे कठोर उपायों की जरूरत कम होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना (COVID-19) के दौरान दुनिया को कठोर उपाय करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
अब वालेंस ने कहा कि उन्होंने दुनिया में G-7 देशों के नेताओं से कहा कि ऐसे हालात में तुरंत प्रतिक्रिया बेहद अहम है। कोरोना (COVID-19) के समय उन्होंने इससे बचने के लिए रूपरेखा बनाई थी लेकिन इन देशों ने फिर इसे ढीला छोड़ दिया। आने वाली महामारी इन देशों की इसी लापरवाही का नतीजा होगी।
वालेंस ने G-7 देशों के नेताओं से कहा कि महामारी से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समन्वय की जरूरत होगी। इसके लिए सभी को पूरे दमदख से जुटना होगा। उन्होंने कहा कि ये महामारी आने से पहले कोई संकेत नहीं देगी और ये आ जाएगी। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO के दबाव का भी जिक्र किया।
पैट्रिक वालेंस अप्रैल 2018 से 2023 तक ब्रिटेन के चीफ साइंटिस्ट एडवाइजर रह चुके हैं। इनके कार्यकाल में ही ब्रिटेन सहित पूरी दुनिया को कोरोना प्रकोप से जूझना पड़ा था। वालेंस ने कोरोना के खिलाफ नीतियां बनाने में ब्रिटिश सरकार मदद कीं। उनकी उपलब्धियों के लिए साल 2022 में उन्हें ‘सर’ की उपाधि दी गई।गौरतलब है कि कोरोना ने दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ले ली थी। ऐसे में वालेंस की चेतावनी ने एक बार फिर चिंता को बढ़ा दिया है।